अस्पतालों से निगम को मिले मृतकों के आंकड़े बयां कर रहे कोविड से मरने वालों हकीकत

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गुरुग्राम। जिला प्रशासन के आंकड़ों में अप्रैल और मई 2021 के महीनों में कोविड संक्रमण से मरने वालों की संख्या 427 रही है। लेकिन हकीकत में देखा जाए तो इस बीमारी और ऑक्सीजन की कमी के कारण मरने वालों की संख्या चार गुना से अधिक रही है। जिसका खुलासा यहां के अस्पतालों से नगर निगम के जन्म-मृत्यु विभाग को भेजी गई रिपोर्ट से हो रहा है। अधिकांश अस्पतालों ने रिपोर्ट भेज भी दी हैं। जबकि कई अस्पताल ऐसे भी हैं, जिनके यहां से अभी तक पूरी रिपोर्ट नहीं पहुंचीं हैं। अब तक की रिपोर्ट और श्मशानघाटों में कोविड प्रोटोकाल से हुए अंतिम संस्कार की संख्या 1600 से अधिक बताई गई है। इसमें घरों से कोविड प्रोटोकाल से पहुंचे शव शामिल नहीं हैं।
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जिले में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर मार्च के अंतिम सप्ताह से शुरू हो गई थी। लेकिन इसका चरम 15 अप्रैल से लेकर 10 मई के बीच में रहा। सबसे ज्यादा भयानक स्थि ति तो 26 अप्रैल से लेकर पांच मई के बीच तब हुई, जब ऑक्सीजन का भयंकर संकट पैदा हो गया, इस अवधि में अस्पतालों में मरीजों की मौत का रिकार्ड टूटा। गुरुग्राम जिले में देश के ख्यातिप्राप्त अस्पताल होने के कारण दूसरे शहर तथा प्रांतों से इलाज कराने के लिए काफी लोग आए थे। उनकी भी यहां काफी संख्या में मौत हुई। इन शवों को श्मशानघाट तक अंतिम संस्कार के लिए ले जाने के लिए एंबुलेंस तक कम पड़ गईं थीं। एंबुलेंस संचालक मजबूरी में तीमारदारों से कहते रहे कि आज श्मशानघाट में जगह नहीं है। अगले दिन ही एंबुलेंस से शव को अंतिम संस्कार के लिए पहुंचाएं, वरना श्मशानघाट में ही इंतजार करना पड़ सकता है। उन दिनों प्रशासन की ओर से मरने वालों की संख्या प्रतिदिन 9 से लेकर 18 तक ही बताई जाती रही।
कोविड संक्रमित अधिकांश शवों का अंतिम संस्कार शहर के रामबाग स्थित श्मशानघाट में हुआ। कई दिन तो स्थिति यह रही कि प्लेटफार्म कम पड़ गए और पार्किंग में रात से लेकर सुबह तक सामूहिक रूप से अंतिम संस्कार करना पड़ा। बाद में प्रशासन को अंतिम संस्कार की व्यवस्था शहर के अन्य पांच श्मशानघाटों पर करनी पड़ी थी।

कई हस्तियों का भी हुआ अंतिम संस्कार

गुरुग्राम में देश के ख्यातिप्राप्त अस्पताल होने की वजह से देश की जानी मानी हस्तियों का इलाज भी यहां के मेदांता, अर्टिमस, पारस, एशिया, कोलंबो, फोर्टिस अस्पतालों में हुआ। जिनमें रालोद मुखिया चौधरी अजित सिंह, माकपा नेता सीताराम येचुरी के बेटे, हरियाणा के राज्यपाल रहे जगन्नाथ पहाड़िया और उनकी पत्नी शामिल हैं।

13 महीनों पर दो महीने भारी पड़े
कोरना संक्रमण गुरुग्राम में पिछले साल मार्च से शुरू हो गया था। मार्च 2020 से लेकर इस साल मार्च 2021 तक इन तेरह महीनों में 367 करोना संक्रमितों की मौत हुई थी। जबकि इस साल अकेले दो महीने भारी पड़ गए, इन दो महीनों में कोरोना संक्रमण की वजह से सरकारी आंकड़ों के अनुसार 427 लोगों की मौत हुई है। जबकि हकीकत इन आंकड़ों से अलग है।

मार्च 2020 से मार्च 2021 तक कोविड से मौत (सरकारी आंकड़ा)

मार्च 1

अप्रैल 0

मई 3

जून 91
जुलाई 32

अगस्त 10

सितंबर 40

अक्तूबर 39

नवंबर 80

दिसंबर 51

जनवरी 11

फरवरी 3

मार्च 6

कुल-367

अप्रैल से 28 मई 427

Credit Source – https://www.amarujala.com/delhi-ncr/gurgaon/corona-gurgaon-news-noi5842358165?utm_source=rssfeed&utm_medium=Referral&utm_campaign=rssfeed

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