मंडलायुक्त आरसी बिढ़ान ने सफाई अभियान की समीक्षा बैठक में दिए निर्देश, नोडल अधिकारी रोज लेंगे सफाई व्यवस्था का जायजा
संवाद न्यूज एजेंसी
गुरुग्राम। सफाई कार्य में लापरवाही बरतने पर सरहौल क्षेत्र के सेनेटरी इंस्पेक्टर का एक माह का वेतन कटेगा। लघु सचिवालय स्थित कॉन्फेंस हॉल में स्वच्छता अभियान की समीक्षा बैठक के दौरान गुरुग्राम मंडलायुक्त आर सी बिढ़ान ने सेनेटरी इंस्पेक्टर की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए। मंडलायुक्त ने स्वच्छता अभियान की मॉनिटरिंग के लिए नियुक्त नोडल अधिकारियों से कहा कि सफाई अभियान में किसी भी स्तर पर लापरवाही सहन नहीं की जाएगी।
ज्ञात हो कि नगर निगम द्वारा तीन महीने में सफाई व्यवस्था पर करोड़ों रुपये का बजट खर्च होने के बावजूद धरातल पर कूड़े के ढेर शहर की दुर्दशा को दर्शा रहे हैं। निगम ने टेंडर प्रक्रिया के तहत जिन एजेंसियों को कचरा प्रबंधन का कार्य सौंपा है, उन एजेंसियों के पास अनुबंध के हिसाब से पूरे संसाधन तक नहीं हैं। जिससे तमाम जतन के बाद भी सफाई व्यवस्था दुरुस्त होने का नाम नहीं ले रही है। शुक्रवार शाम समीक्षा बैठक में मंडलायुक्त ने सभी नोडल अधिकारियों से सफाई अभियान में सुधार व अड़चनों की विस्तृत रिपाेर्ट ली। मंडलायुक्त ने कहा कि अभियान में नियुक्त सभी नोडल अधिकारी दिन में एक बार स्वयं संबंधित वार्ड का निरीक्षण करें। ताकि सफाई व्यवस्था को बरकरार रखा जा सके। उन्होंने कहा कि सफाई की स्पष्ट परिभाषा यही है कि संबंधित क्षेत्र में 24 घंटे सातों दिन कूड़े का एक भी अंश दिखाई न दे। बैठक में डीसी निशांत कुमार यादव, निगमायुक्त डॉ. नरहरि सिंह बांगड़ व अतिरिक्त आयुक्त डाॅ. बलप्रीत सिंह मौजूद रहे।
सरकार की ओर से 11 जून को गुरुग्राम में नगर पालिका ठोस अपशिष्ट अत्यावश्यकता घोषित किया गया। इसे कूड़े का आपातकाल भी कहा जाता है। इसके तहत नगर निगम, जिला प्रशासन व जीएमडीए समेत अन्य विभागों की एक संयुक्त समिति का गठन हुआ। जिसे विशेष शक्ति मिली होती है। समिति द्वारा शहर में ठोस कचरा पर्यावरण आवश्यकता कार्यक्रम (स्वीप) लागू करके विशेष स्वच्छता अभियान चलाया। इसमें सफाई व्यवस्था की निगरानी के लिए एचसीएस अधिकारियों की 19 टीमों गठन किया गया था।
निजी एजेंसियों की मनमानी पर नोटिस की कार्रवाई
निगम ने डोर-टू-डोर कूड़ा उठान और द्वितीय कचरा बिंदुओं से बंधवाड़ी तक कचरा पहुंचाने का काम अलग-अलग एजेंसियों को सौंपा है। इसके अलावा सड़क सफाई के प्रबंधन के लिए अलग-अलग एजेंसियां हैं। एजेंसियों ने अनुबंद्ध के तहत मैनपावर, वाहन व अन्य संसाधनों को नहीं लगाया है। निगम सूत्रों की मानें तो निजी एजेंसियों के पास न्यूनतम तीन हजार सफाई कर्मी होने चाहिए। लेकिन एक हजार कर्मचारी भी नहीं लगाए गए हैं। इन एजेंसियों द्वारा कर्मचारियों की बायोमेट्रिक हाजिरी लगाने में भी गड़बड़झाला है। डोर-टू-डोर कचरा प्रबंधन में करीब साढ़े तीन सौ वाहन ही लगाए गए हैं। जबकि, न्यूनतम करीब 700 वाहनों की जरूरत बताई जाती है। जबकि, इन एजेंसियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के नाम पर नोटिस जारी किए जा रहे हैं।
इन निजी एजेंसियों के पास कचरा प्रबंधन
निगम ने सफाई कार्य के लिए केसी, सुखमा, भारती एचआर, संजय एंड कंपनी, आमी, वाइएलबी, पेस्टेक सोल्यूशन, बालाजी इंजीनियरिंग, बिमलराज और वशिष्ठ मैनपावर कंपनी को नियुक्त किया है। लेकिन ज्यादातर एजेंसियों के पास मैनपावर व संसाधनों की कमी है। शहर से प्रतिदिन 1200 टन कचरा बंधवाड़ी पहुंचता है।
वर्जन
शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर हुई समीक्षा बैठक में सेनेटरी इंस्पेक्टर की लापरवाही सामने आई है। जिसके कारण एक माह का वेतन काटने का आदेश दिया गया है। साथ ही अन्य अधिकारियों को अभियान में लापरवाही न बरतने की चेतावनी दी गई है। – आर सी विढ़ान, मंडलायुक्त, गुरुग्राम।
Credit Source – https://www.amarujala.com/delhi-ncr/gurgaon/one-months-salary-of-sanitary-inspector-will-be-deducted-for-negligence-in-cleaning-work-gurgaon-news-c-24-1-gur1002-40426-2024-09-28